Prerna Vimarsh 2024 का शुभारंभ, 108 कुंडीय यज्ञ में नारी शक्ति ने किया राष्ट्र वंदन
Prerna Vimarsh 2024 की शुरुआत नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ के साथ हुई। यह कार्यक्रम सेक्टर 12 स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में आयोजित किया गया, जहां 108 कुंडीय यज्ञ में 1000 से अधिक नारी शक्तियों ने आहुतियां अर्पित कीं। इस यज्ञ का उद्देश्य राष्ट्र पूजा, नारी शक्ति, नारी कर्तव्य और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था।
नारी शक्ति को राष्ट्र वीरांगना का संबोधन
इस अवसर पर समाजसेविका रेशु भाटिया, उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव, मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीन विद्यालंकार और प्रेरणा विमर्श 2024 की सचिव मोनिका चौहान ने नारी शक्ति को राष्ट्र वीरांगना कहकर संबोधित किया। कार्यक्रम में पंच परिवर्तन प्रदर्शनी का उद्घाटन भी अतिथियों द्वारा किया गया।
‘समाजिक समस्याओं की जड़ बॉलीवुड’
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीन विद्यालंकार ने समाज की समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी के गलत आचरण के लिए बॉलीवुड जिम्मेदार है। उन्होंने वेदिक संस्कृति का संदेश देते हुए कहा कि नारी ब्रह्मा है। स्वामी विवेकानंद और महर्षि दयानंद सरस्वती के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन महान व्यक्तित्वों ने नारी को हमेशा धरणी और अदिति के रूप में सम्मानित किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज हमारे महान पुरुषों के विचार बच्चों को सही दिशा दिखा सकते हैं।
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का स्मरण
मुख्य वक्ता अपर्णा यादव ने भावुक होकर लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी के महान व्यक्तित्व को याद किया। नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ के संदर्भ में उन्होंने “स्व” के अर्थ को समझाते हुए कहा कि आज हमें अपने अहंकार और गलत परंपराओं को इस यज्ञ कुंड में समर्पित करना चाहिए। भारतीय इतिहास नारी के आत्म-सम्मान से भरा पड़ा है। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन को इसका उदाहरण बताया।
108 कुंडीय यज्ञ में नारी शक्ति का योगदान
कार्यक्रम की अध्यक्षा रेशु भाटिया ने माता अहिल्याबाई के संदर्भ में नारी सशक्तिकरण और भारतीय महिलाओं के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय आत्म-सम्मान के हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
108 कुंडीय यज्ञ में प्रत्येक कुंड पर आठ से अधिक महिलाओं ने यज्ञ किया। इस यज्ञ का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीन विद्यालंकार ने किया। यज्ञ के माध्यम से भारतीय नारी शक्ति ने राष्ट्र के कल्याण और सांस्कृतिक जागरूकता का संदेश दिया।
प्रेरणा विमर्श 2024 के उद्देश्य
प्रेरणा विमर्श 2024 की सचिव मोनिका चौहान ने इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्रीय कल्याण के लिए महिलाओं की भूमिका को भी रेखांकित करना है।
प्रेरणा विमर्श 2024 का यह आयोजन भारतीय नारी शक्ति के महत्व और उनकी सांस्कृतिक भूमिका को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। 108 कुंडीय यज्ञ और राष्ट्र वंदन के माध्यम से इसने यह संदेश दिया कि नारी शक्ति राष्ट्र निर्माण और संस्कृति संरक्षण की अहम कड़ी है। इस आयोजन ने न केवल महिलाओं को प्रेरित किया, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया।